लॉकडाउन में एक बार फिर संजय दत्त और उनकी मां नरगिस का खूबसूरत किस्सा छाया हुआ है। संजय दत्त पर बनी बायोपिक संजू बॉक्स ऑफिस पर रिलीज हुई तो जबरदस्त कमाई की और फैंस ने उनकी जिंदगी को नजदीकी से देखा। यासिर उस्मान ने संजय दत्त के जीवन पर किताब क्रेजी अनटोल्ड स्टोरी ऑफ बॉलीवुड बैड बॉय संजय दत्त लिखी।
12 साल पहले शाहरुख खान के लिए सलमान खान की दरियादिली- ईद पर नहीं की थी फिल्म रिलीज
इस किताब के माध्यम से कई खुलासे संजू बाबा के जिंदगी से होते हैं। संजय दत्त की बहन नम्रता ने इस किताब में कई किस्सों को बताया। वह बताती हैं कि संजय दत्त को अक्सर मां से डांट सुननी पड़ती थी।
ऐसे ही इस किताब में उस किस्से का भी जिक्र है जब नरगिस एक बार सोच में पड़ गई थीं कि क्या उनका बेटा संजय दत्त कहीं गे तो नहीं है। आइए आपको सुनाते संजय दत्त और उनकी मां नरगिस का ये अनसुना किस्सा।
क्यों लगा मां को संजय दत्त गे तो नहीं
यासिर उस्मान की किताब में प्रिया दत्त ने बताया कि, एक बार मां नरगिस अपने दोस्तों संग बैठी थीं, वह अपनी सहेलियों से संजय के बारे में ही बात कर रही थीं, उस समय नरगिस चिंता में थीं कि जब भी संजय दत्त के दोस्त आते हैं तो वह हर बार अंदर से कमरा क्यों लॉक कर लेते हैं। मुझे उम्मीद है कि वह गे नहीं है। लेकिन नरगिस इस वाक्य को पूरी चिंता के साथ कह रही थीं।
जब मां गुस्से में फेंक देती थी संजू पर चप्पल
संजय दत्त और नरगिस एक दूसरे के बेहद करीब थे। लेकिन कभी कभी मां बेटे से इस कदर गुस्सा हो जाया करती थी कि उन्हें उल्लू, गधा तक कह देती थीं। वहीं गुस्सा शांत नहीं होता तो वह चप्पल भी फेंक देती थीं।
मां ने जब भांप लिया बेटे के हर हरकत को
कहा जाता है कि संजय दत्त की मां नरगिस को शुरुआत में नहीं पता था कि बेटा गलत संगत में पड़ गया है। पिता सुनील दत्त ने भी ये बात पत्नी नरगिस को नहीं बताई था कि संजय दत्त ड्रग्स लेने लगे थे।लेकिन मां समझ गई थी कि बेटा किस रास्ते पर है।
मां को कैंसर और संजय दत्त नशे में
कहा जाता है कि संजय दत्त की पहली फिल्म रॉकी रिलीज होने वाली थी। इस दौरान वह ड्रग्स की लत से भी जूझ रहे थे। संजय दत्त को जरा भी एहसास नहीं था कि उनकी फिल्म रिलीज होने जा रही है और ये कितना बड़ा मौका है। उधर मां नरगिस को कैंसर था और उनकी तबीयत बिगड़ती जा रही थी।
नहीं देख पाई बेटे की पहली फिल्म
तमाम मशक्तों के बाद रॉकी फिल्म 26 अप्रैल 1981 को रिलीज हुई। सुनील दत्त पत्नी को बेटे की फिल्म दिखाने के लिए उत्सुक थे और नरगिस बहुत खुश थी कि वह बेटे की फिल्म देख पाएंगी। घर में बने थिएटर में 8 मार्च को फिल्म दिखाया जा रहा था, लेकिन बीच में ही नरगिस की तबीयत बिगड़ने लगी और वह फिल्म नहीं देख पाई।
मां की मौत के वक्त भी संजय दत्त नशे में थे
3 मई 1981 में कैंसर से जूझने के बाद नरगिस ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। इस समय संजय दत्त नशे में रहा करते थे उन्हें जरा भी इस बात का इल्म नहीं था कि उनके घर में क्या हो रहा है। फिर संजय दत्त का इलाज करवाने जर्मनी और फिर अमेरिका ले जाया गया। फिर इलाज के दौरान संजय दत्त मां को याद कर खूब रोए थे।
12 साल पहले शाहरुख खान के लिए सलमान खान की दरियादिली- ईद पर नहीं की थी फिल्म रिलीज
इस किताब के माध्यम से कई खुलासे संजू बाबा के जिंदगी से होते हैं। संजय दत्त की बहन नम्रता ने इस किताब में कई किस्सों को बताया। वह बताती हैं कि संजय दत्त को अक्सर मां से डांट सुननी पड़ती थी।
ऐसे ही इस किताब में उस किस्से का भी जिक्र है जब नरगिस एक बार सोच में पड़ गई थीं कि क्या उनका बेटा संजय दत्त कहीं गे तो नहीं है। आइए आपको सुनाते संजय दत्त और उनकी मां नरगिस का ये अनसुना किस्सा।
क्यों लगा मां को संजय दत्त गे तो नहीं
यासिर उस्मान की किताब में प्रिया दत्त ने बताया कि, एक बार मां नरगिस अपने दोस्तों संग बैठी थीं, वह अपनी सहेलियों से संजय के बारे में ही बात कर रही थीं, उस समय नरगिस चिंता में थीं कि जब भी संजय दत्त के दोस्त आते हैं तो वह हर बार अंदर से कमरा क्यों लॉक कर लेते हैं। मुझे उम्मीद है कि वह गे नहीं है। लेकिन नरगिस इस वाक्य को पूरी चिंता के साथ कह रही थीं।
जब मां गुस्से में फेंक देती थी संजू पर चप्पल
संजय दत्त और नरगिस एक दूसरे के बेहद करीब थे। लेकिन कभी कभी मां बेटे से इस कदर गुस्सा हो जाया करती थी कि उन्हें उल्लू, गधा तक कह देती थीं। वहीं गुस्सा शांत नहीं होता तो वह चप्पल भी फेंक देती थीं।
मां ने जब भांप लिया बेटे के हर हरकत को
कहा जाता है कि संजय दत्त की मां नरगिस को शुरुआत में नहीं पता था कि बेटा गलत संगत में पड़ गया है। पिता सुनील दत्त ने भी ये बात पत्नी नरगिस को नहीं बताई था कि संजय दत्त ड्रग्स लेने लगे थे।लेकिन मां समझ गई थी कि बेटा किस रास्ते पर है।
मां को कैंसर और संजय दत्त नशे में
कहा जाता है कि संजय दत्त की पहली फिल्म रॉकी रिलीज होने वाली थी। इस दौरान वह ड्रग्स की लत से भी जूझ रहे थे। संजय दत्त को जरा भी एहसास नहीं था कि उनकी फिल्म रिलीज होने जा रही है और ये कितना बड़ा मौका है। उधर मां नरगिस को कैंसर था और उनकी तबीयत बिगड़ती जा रही थी।
नहीं देख पाई बेटे की पहली फिल्म
तमाम मशक्तों के बाद रॉकी फिल्म 26 अप्रैल 1981 को रिलीज हुई। सुनील दत्त पत्नी को बेटे की फिल्म दिखाने के लिए उत्सुक थे और नरगिस बहुत खुश थी कि वह बेटे की फिल्म देख पाएंगी। घर में बने थिएटर में 8 मार्च को फिल्म दिखाया जा रहा था, लेकिन बीच में ही नरगिस की तबीयत बिगड़ने लगी और वह फिल्म नहीं देख पाई।
मां की मौत के वक्त भी संजय दत्त नशे में थे
3 मई 1981 में कैंसर से जूझने के बाद नरगिस ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। इस समय संजय दत्त नशे में रहा करते थे उन्हें जरा भी इस बात का इल्म नहीं था कि उनके घर में क्या हो रहा है। फिर संजय दत्त का इलाज करवाने जर्मनी और फिर अमेरिका ले जाया गया। फिर इलाज के दौरान संजय दत्त मां को याद कर खूब रोए थे।