घरवालों के लिए दो वक्त की रोटी के इंतजाम में शहर में रिक्शा चलाने आए बुुजुर्ग के साथ भले ही कोतवाली पुलिस ने ज्यादती की हो, लेकिन कुछ युवा बाबा की मदद के लिए आगे आए हैं। युवाओं ने उनके घर पहुंचकर नकदी व राशन सामग्री दी।
अमर उजाला ने 10 अप्रैल के अंक में ‘टायर की हवा न निकालो साहब.... घर कैसे जाएंगे’ शीर्षक से छाउछ ग्राम पंचायत के मजरा गोलहापुर निवासी रिक्शा चालक रामसेवक की खबर प्रकाशित की थी। घर में मौजूद करीब सात सदस्यों के लिए रामसेवक नौ अप्रैल को शहर में रिक्शा लेकर इस उम्मीद के साथ आए थे कि एक दिन की मेहनत से दो दिन की रोटी का इंतजाम हो जाएगा, लेकिन सवारियां छोड़ने के लिए महाराजनगर जा रहे रामसेवक का सामना रोडवेज बस अड्डे के आगे पैदल मार्च को निकली कोतवाली पुलिस से हो गया। 

इसमें शामिल सिपाहियों ने बाबा पर रौब गांठते हुए रिक्शे पर बैठी महिला सवारियों को उतारकर अगले पहिये की हवा निकाल दी। जबकि बाबा हाथ जोड़कर मिन्नतें करते रहे। मगर, न तो सिपाहियों को उन पर दया आई और न ही आगे चल रहे अधिकारियों को। सोच द इनर वॉइश संस्था के युवाओं ने खबर का संज्ञान लेकर बुजुर्ग रामसेवक को नकदी एवं राशन सामग्री दी। संस्था के शिवम सिंह, मनीष कुमार, शोभित कटियार आदि ने बताया कि बाबा के घर में सात लोग हैं। राशन सामग्री दी है, जरूरत पड़ने पर और मदद की जाएगी।