अध्ययन में पाया गया कि कनखजूरे ने चूहे के दिल और दिमाग तक जाने वाली नसों पर हमला किया और रक्त संचार को रोक दिया, जिससे चूहे की मौत हो गई। अध्ययन के दौरान बनाया गया वीडियो देखकर आप हैरान हो जाएंगे क्योंकि यह चूहा उस कनखजूरे से 15 गुना अधिक बड़ा था।इस स्टडी में वैज्ञानिकों को एक ऐसा पदार्थ मिला, जिसे उन्होंने ‘एसएसएम स्पूकी टॉक्सीन’ नाम दिया। यह गोल्डन हेड सेंटीपीड यानी कनखजूरे ने बनाया था। इस जीव को चाइनीज रेड हेड सेंटीपीड के रूप में भी जाना जाता है।
वैज्ञानिकों ने देखा कि तीन ग्राम के कानखजूरे ने 45 ग्राम के चूहे के दिल और दिमाग तक खून पहुंचाने वाली नलियों पर अपने जहर से हमला किया। उसके जहर से चूहे का रक्त संचार रुक गया और दिमाग ने काम करना बंद कर दिया जिसके वजह से मात्र 30 सेकंड के अन्दर ही उस चूहे की मौत हो गयी |
यह फुटेज चीन के कुनमिंग इंस्टीट्यूट ऑफ जूलॉजी रिसर्च सेंटर ने जारी की है। इस रिसर्च से कनखजूरे के जहर की क्षमता के बारे में पता लगाने की कोशिश की जा रही थी। अध्ययन यह पता करने के लिए किया जा रहा है कि यह खतरनाक जीव अपने शिकार के दिल, सांस की नली और बाकी नसों पर कैसे हमला करता है।
वैज्ञानिकों ने देखा कि तीन ग्राम के कानखजूरे ने 45 ग्राम के चूहे के दिल और दिमाग तक खून पहुंचाने वाली नलियों पर अपने जहर से हमला किया। उसके जहर से चूहे का रक्त संचार रुक गया और दिमाग ने काम करना बंद कर दिया जिसके वजह से मात्र 30 सेकंड के अन्दर ही उस चूहे की मौत हो गयी |
यह फुटेज चीन के कुनमिंग इंस्टीट्यूट ऑफ जूलॉजी रिसर्च सेंटर ने जारी की है। इस रिसर्च से कनखजूरे के जहर की क्षमता के बारे में पता लगाने की कोशिश की जा रही थी। अध्ययन यह पता करने के लिए किया जा रहा है कि यह खतरनाक जीव अपने शिकार के दिल, सांस की नली और बाकी नसों पर कैसे हमला करता है।