परिवार के सभी लोग बेटे की हालत देख घबरा गए। जब वह सुबह एक निजी डॉक्टर के पास लेकर गए तो उनको एक आई ड्राप दे दिया गया। लेकिन हालत में सुधार की जगह और बिगड़ती चली गई और उसकी दोनों आंखे बाहर आ गईं। इसके बाद वो बच्चे को हमीदिया अस्पातल लेकर गए। जहां डॉक्टरों ने कहा-आपके बेटे को वेस्कुलर ट्यूमर है।
हमीदिया अस्पातल के नेत्र रोग विभाग की अध्यक्ष डॉ. कविता कुमार ने पीड़ित परिवार को कहा की आपके बेटे का इलाज यहां संभव नहीं है। हमको जो करना था वह हमने किया, लेकिन इसका आगे का इलाज यहां नहीं हो सकता है। इसलिए हम उसे एम्स दिल्ली के लिए रेफर कर रहे हैं। बच्चे के पिता मुकेश उसको लेकर दिल्ली गए तो पता चला कि इलाज में 25 लाख रुपए खर्च आएगा। हालांकि परिवार आयुष्मान भारत योजना का हितग्राही है। लेकिन इसमें तो सिर्फ 5 लाख रुपए तका ट्रीटमेंट हो सकता है। अब बाकी के बचे हुए पैसे कहां से आएंगे।
6 हजार रुपए माह कमाता है पिता
दिल्ली से लौटने के बाद ओम की मां सुनीता आर्थिक मदद के लिए मुख्यमंत्री निवास से लेकर प्रमुख सचिव स्वास्थ्य के कार्यालय गई। तो अधिकारियों ने बताया कि पहले आप दिल्ली एम्स से इलाज का एस्टीमेट बनाकर ले आओ, फिर हम कुछ करते हैं। लेकिन समस्या यह है कि मुकेश कुशवाह मंडीदीप की फैक्ट्री में 6 हजार रुपए के महीने की नौकरी करता है। उसके पास अब इतने रुपए भी नहीं कि वह फिर दे दिल्ली जा सके। महिला ने अब इसके लिए बाल कल्याण समिति में गुहार लगाई है।
दिल्ली से लौटने के बाद ओम की मां सुनीता आर्थिक मदद के लिए मुख्यमंत्री निवास से लेकर प्रमुख सचिव स्वास्थ्य के कार्यालय गई। तो अधिकारियों ने बताया कि पहले आप दिल्ली एम्स से इलाज का एस्टीमेट बनाकर ले आओ, फिर हम कुछ करते हैं। लेकिन समस्या यह है कि मुकेश कुशवाह मंडीदीप की फैक्ट्री में 6 हजार रुपए के महीने की नौकरी करता है। उसके पास अब इतने रुपए भी नहीं कि वह फिर दे दिल्ली जा सके। महिला ने अब इसके लिए बाल कल्याण समिति में गुहार लगाई है।