योग गुरु स्वामी रामदेव कोरोना वायरस की दवा ‘कोरोनिल’ के लॉन्च के बाद से ही मुसीबत में पड़ गए। दवा को लेकर रामदेव समेत 5 के खिलाफ जयपुर में केस दर्ज हुआ है।
नई दिल्ली: कोरोना के इलाज में 100 फीसदी रिकवरी रेट का दावा देते हुए लॉन्च की गयी पतांजलि की ‘कोरोनिल दवाई’ ने योग गुरु रामदेव को मुसीबत में डाल दिया है। कोरोना की दवा को लेकर रामदेव समेत अन्य चार के खिलाफ जयपुर में केस दर्ज हुआ है। जिसमें आरोप लगा कि कोरोना की दवा के तौर पर कोरोनिल का भ्रामक प्रचार किया जा रहा है।
रामदेव-बालकृष्ण समेत 5 लोगों पर जयपुर में FIR दर्ज
योग गुरु स्वामी रामदेव कोरोना वायरस की दवा ‘कोरोनिल’ के लॉन्च के बाद से ही मुसीबत में पड़ गए। पहले उनकी दवा के दावों को लेकर आयुष मंत्रालय ने नोटिस जारी कर दिया और विज्ञापनों पर रोक लगा दी तो वहीं महाराष्ट्र और राजस्थान सरकार ने पतांजलि की कोरोनिल दवाई की बिक्री प्रतिबंधित कर दी। कोरोनिल का क्लिनिकल ट्रायल करने वाले निम्स के चेयरमैन ने भी मामले से पल्ला झाड़ लिया। वहीं अब रामदेव और उनके चार साथियों के खिलाफ मामले में एफआईआर दर्ज कराई गयी है।
पतांजलि की ‘कोरोनिल दवा’ के भ्रामक प्रचार का आरोप
राजस्थान की राजधानी जयपुर में कोरोना वायरस की दवा के तौर पर कोरोनिल का भ्रामक प्रचार करने के आरोप में राम देव और अन्य चार लोगों पर एफआईआर दर्ज कराई गयी है। रामदेव के अलावा जिन चार लोगों पर केस दर्ज हैं, उनमे बालकृष्ण का नाम भी है।
इसके अलावा वैज्ञानिक अनुराग वार्ष्णेय, निम्स के अध्यक्ष डॉ. बलबीर सिंह तोमर और निदेशक डॉ. अनुराग तोमर आरोपी बताये गए हैं। ये शिकायत वकील बलराम जाखड़ ने की है। आईपीसी की धारा 420 सहित विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कराई गयी है।
कोरोनिल का क्लिनिकल ट्रायल करने वाले निम्स चेयरमैन पर भी एफआईआर
जयपुर के ज्योतिनगर थाने के प्रभारी (SHO) सुधीर कुमार उपाध्याय ने पुष्टि की है कि रामदेव, बालकृष्ण, डॉ. बलबीर सिंह तोमर, डॉ. अनुराग तोमर और पतंजलि के एक वैज्ञानिक अनुराग वार्ष्णेय के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज हुई है।
निम्स चेयरमैन तोमर ने कोरोना के इलाज के दवा के ट्रायल से झाड़ लिया था पल्ला
बता दें कि निम्स जयपुर में पतांजलि की कोरोनिल दवा के क्लिनिकल ट्रायल का दावा किया गया था। हालाँकि निम्स के चेयरमैन डॉ. बीएस तोमर ने कोरोना के इलाज के दवा के ट्रायल से पल्ला झाड़ लिया था और कहा था कि ये दवा कैसे बनी इस बारे में रामदेव ही बता सकते हैं। वहीं ट्रायल को लेकर उन्होंने कहा था कि हमने इम्यूनिटी बूस्टर के तौर पर ट्रायल के दौरान अश्वगंधा, गिलोय और तुलसी दिया था। परीक्षण के लिए CTRI से अनुमति ली थी।
निम्स चेयरमैन में जानकारी दी थी कि NIMS, जयपुर में 100 मरीजों पर दवा का ट्रायल किया गया, जिसमें 7 दिनों में 100% मरीज ठीक हो गए। हालाँकि उन्होंने कोरोनिल को इम्युनिटी बूस्टर के रूप में प्रचारित करने की सलाह दी न की कोरोना के इलाज की दवाई के तौर पर।