बाजार में अनचाहे गर्भ से बचाने वाली कई तरह की दवाई बेचीं जाती है। वह सब दवाई समय बार तो काम कर देती है, लेकिन बाद में उनके दवारा होने वाले नुकसान का लोगो को नहीं पता होता। लेकिन कई महिलाएं ऐसी है जिन्हे इन सब बातो का पता होता है, और वह अनचाहे गर्भ और शरीर में होने वाली साइड इफेक्ट्स से बचने के लिए कई आयुर्वेदिक और नेचुरल तरीकों का सहारा लेती हैं। लेकिन अगर आपको किसी आयुर्वेदिक तरीके के बारे में नहीं पता तो हम आपको कुछ जानकरी देना चाहेगे। लेकिन बेहत होगा कि आप कुछ भी इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर और आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें। कई बार कुछ लोगों को आयुर्वेदिक नुस्खे भी सूट नहीं कर पते।
आयुर्वेद में अरंडी यानी कैस्टर के बीज को सबसे असरदायक गर्भनिरोधक दवा बताया जाता है। इसका सेवन करने के लिए सबसे पहले अरंडी के बीज को फोड़ें। उसके बाद उसमें मौजूद सफेद बीज को निकल ले। फिर इन्हे एक गिलास पानी के साथ खा लें। अरंडी के बीज का इस्तेमाल आप संबंध बनाने के 72 घंटे के अंदर गर्भनिरोधक गोलियों के रूप में भी कर सकते हैं।
बताया जाता है कि अगर सेक्स करने के 72 घंटे के भीतर महिलाओं को इस बीज को खिला दिया जाता है तो यह एक कॉन्ट्रासेप्टिव पिल की तरह ही गर्भधारण रोक सकता है। यह इतना अधिक काम करता है कि अगर कोई महिला इस बीज का सेवन पीरियड्स के तीन दिनों तक करले तो एक महीने तक इसका प्रभाव रहेगा। अरंडी के बीज का इस्तेमाल का वैसे तो कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है, फिर भी इसे यूज करने से पहले आप अपने फैमिली डॉक्टर और आयुर्वेदिक विशेषज्ञों से सलाह जरूर लें।