बॉलीवुड का चमकता सितारा सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) ने दुनिया को अचानक अलविदा कह सबको हैरत में डाल दिया था। उनके निधन से लोग हैरान और दुखी हैं, आज भी लोग यही कह रहे हैं कि सुशांत ने सुसाइड नहीं किया वो एेसा नहीं कर सकता था। उसकी हत्या हुई है, लोग उनकी मौत की सीबीआइ से जांच कराने की मांग कर रहे हैं। इस बीच रस्मो रिवाज के मुताबिक आज सुशांत की अंतिम विदाई परिवार ने दी। इस दौरान एक इमोशन पत्र भी सोशल मीडिया में वायरल है।
सुशांत को अलविदा करते हुए उनके परिवार ने कहा है कि वो "आपके लिए सुशांत सिंह राजपूत और हमारे लिए हमारा इकलौता और दुलारा गुलशन था। खुला दिल, बातूनी और तेज दिमाग, हर चीज को लेकर जिज्ञासु. हर बात को लेकर उत्सुक, बड़े सपने देखना और उन्हें सच कर दिखाना उनका शौक था। मुस्कुराते तो पोर-पोर खिल उठता था। परिवार के बड़ों का गौरव और बच्ंचो के पेरणा-पुंज थे, एक दूरबीन हमेशा साथ रखते शनि ग्रह के छल्लों को निहारने का शौक जो था, हमें ये मानने में बरसों लगेंगे कि उनकी सहज हंसी अब कभी हमारे कानों में नहीं गूंजेगी।"
"विज्ञान की बातें हमें समझाने की उनकी ललक हमें फिर कभी देखने को नहीं मिलेगी। वे पिरवार में कभी ना भरी जा सकने वाली रिक्तता छोड़ गए है, इस शून्य से हम स्तब्ध हैं। वे अपने प्रशंसकों से बेहद प्यार करते थे।आप सबने हमारे गुलशन पर जो असीम प्रेम बरसाया है उसके लिए हम हदय से कृतज हैं, अब जब वो हमारे साथ नहीं हैं, उनके स्मृति को संजोने के लिए हमने सुशांत सिंह राजपूत फाउंडेशन की स्थापना की है। उद्देश्य सुशांत के पसंदीदा क्षेत्र जैसे कि सिनेमा, विजान और खेल में उभरती प्रतिभाओं को समर्थन प्रोत्साहन देना है।"
"उनका बचपन पटना के राजीव नगर में बीता था। उनके आवास को हम उनका स्मारक बनाने जा रहे हैं। वहां उनके हजारो किताबों, दूरबीन, फ्लाइट. स्मियूलेटर, गिटार, फर्निटर, एवं अन्य चीजों को प्रदर्शित करने का विचार है। हमारी हार्दिक इच्छा है कि उनके प्रशंसक उनसे जुड़े रहें। सुशांत के इंस्टाग्राम पेज को करोड़ों प्रशंसक फॉलो करते हैं। हम इसे लेगेसी अकाउंट की तरह चलाए रखना चाहते हैं, जिससे कि सुशांत के दिल का रिश्ता उनके प्रशंसकों के साथ हमेशा बना रहे।"
वहीं उनके पिता ने सुशांत को याद करते हुए कहा कि मैंने और उसकी मां ने बेटे की मन्नत मांगी थी और तीन साल तक मन्नत मांगने के बाद सुशांत का जन्म हुआ था। 4 लड़कियों में वह एक लड़का था। लेकिन वही जिनके लिए मन्नत मांगो वो ऐसे ही जाते हैं। मन्नत से मांगा हुआ ऐसा ही जाता है।
सुशांत को अलविदा करते हुए उनके परिवार ने कहा है कि वो "आपके लिए सुशांत सिंह राजपूत और हमारे लिए हमारा इकलौता और दुलारा गुलशन था। खुला दिल, बातूनी और तेज दिमाग, हर चीज को लेकर जिज्ञासु. हर बात को लेकर उत्सुक, बड़े सपने देखना और उन्हें सच कर दिखाना उनका शौक था। मुस्कुराते तो पोर-पोर खिल उठता था। परिवार के बड़ों का गौरव और बच्ंचो के पेरणा-पुंज थे, एक दूरबीन हमेशा साथ रखते शनि ग्रह के छल्लों को निहारने का शौक जो था, हमें ये मानने में बरसों लगेंगे कि उनकी सहज हंसी अब कभी हमारे कानों में नहीं गूंजेगी।"
"विज्ञान की बातें हमें समझाने की उनकी ललक हमें फिर कभी देखने को नहीं मिलेगी। वे पिरवार में कभी ना भरी जा सकने वाली रिक्तता छोड़ गए है, इस शून्य से हम स्तब्ध हैं। वे अपने प्रशंसकों से बेहद प्यार करते थे।आप सबने हमारे गुलशन पर जो असीम प्रेम बरसाया है उसके लिए हम हदय से कृतज हैं, अब जब वो हमारे साथ नहीं हैं, उनके स्मृति को संजोने के लिए हमने सुशांत सिंह राजपूत फाउंडेशन की स्थापना की है। उद्देश्य सुशांत के पसंदीदा क्षेत्र जैसे कि सिनेमा, विजान और खेल में उभरती प्रतिभाओं को समर्थन प्रोत्साहन देना है।"
"उनका बचपन पटना के राजीव नगर में बीता था। उनके आवास को हम उनका स्मारक बनाने जा रहे हैं। वहां उनके हजारो किताबों, दूरबीन, फ्लाइट. स्मियूलेटर, गिटार, फर्निटर, एवं अन्य चीजों को प्रदर्शित करने का विचार है। हमारी हार्दिक इच्छा है कि उनके प्रशंसक उनसे जुड़े रहें। सुशांत के इंस्टाग्राम पेज को करोड़ों प्रशंसक फॉलो करते हैं। हम इसे लेगेसी अकाउंट की तरह चलाए रखना चाहते हैं, जिससे कि सुशांत के दिल का रिश्ता उनके प्रशंसकों के साथ हमेशा बना रहे।"
वहीं उनके पिता ने सुशांत को याद करते हुए कहा कि मैंने और उसकी मां ने बेटे की मन्नत मांगी थी और तीन साल तक मन्नत मांगने के बाद सुशांत का जन्म हुआ था। 4 लड़कियों में वह एक लड़का था। लेकिन वही जिनके लिए मन्नत मांगो वो ऐसे ही जाते हैं। मन्नत से मांगा हुआ ऐसा ही जाता है।