पंजाब सरकार ने यातायात के नियमों को लेकर एक नया नोटिफिकेशन जारी किया है. इसमें कहा गया है कि नियमों का उल्लंघन किया तो न सिर्फ जुर्माना देना होगा, बल्कि गलती दोहराने पर जुर्माना भी दोगुना हो जाएगा. इसके साथ ही कहा गया है कि शराब पीकर गाड़ी चलाने पर तीन महीने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित किया जाएगा. साथ ही नजदीकी अस्पताल में सामुदायिक सेवा करनी होगी या एक यूनिट रक्तदान करना होगा. 

ट्रैफिक नियम तोड़ने पर जिस तरह से सजा का प्रावधान किया गया है, वो अब चर्चा का विषय बन गया है. अधिसूचना में जिक्र किया गया है कि अगर कोई ट्रैफिक रूल तोड़ता है तो उसे एक रिफ्रेशर कोर्स से गुजरना होगा. इसके बाद परिवहन प्राधिकरण से सर्टिफिकेट भी लेना होगा. इतना ही नहीं, कम से कम 20 स्कूली स्टूडेंट्स को दो घंटे तक यातायात के नियम सिखाने होंगे.


यातायात के इन नियमों का उल्लंघन करना पड़ेगा भारी

नोटिफिकेशन में कहा गया है कि यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर सामान्य सजा के रूप में तीन महीने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित किया जाएगा. इसमें ओवरस्पीडिंग, गाड़ी चलाते वक्त मोबाइल फोन का इस्तेमाल करना, शराब पीकर गाड़ी चलाना, ट्रिपल राइडिंग और रेड लाइट जंप करना शामिल है.


किस नियम के उल्लंघन पर कितना जुर्माना


पंजाब में अब ओवरस्पीडिंग पर पहले 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. अगर कोई बार-बार इस नियम का उल्लंघन करते पाया गया तो जुर्माना दोगुना हो जाएगा. वहीं शराब पीकर गाड़ी चलाने, वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने पर 5000 रुपये का जुर्माना लगेगा. अगर दूसरी बार इस नियम का उल्लंघन किया तो जुर्माना की राशि दोगुना हो जाएगी. ओवरलोडेड वाहनों पर पहली बार 20,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. दूसरी बार दोगुना जुर्माना भरना होगा. 


रेड लाइट जंप की तो भरने होंगे एक हजार रुपये


पहली बार रेड लाइट जंप करने या ट्रिपल राइडिंग करने पर 1,000 रुपये का जुर्माना भरना होगा. दोबारा नियम का उल्लंघन किया तो दोगुना जुर्माना देना होगा. पंजाब पुलिस ने यातायात के नियमों के उल्लंघन को रोकने और नए दिशा-निर्देशों को लागू करने के लिए ट्रैफिक बैरियर लगाने की घोषणा की है.


पंजाब में क्या है ट्रैफिक का हाल


पंजाब में ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन आम बात है, जहां हर रोज 13 लोग सड़क हादसों में मारे जाते हैं. 2011-2020 के दौरान पंजाब में 56,959 से अधिक दुर्घटनाएं हुईं थीं. जिनमें 46,550 लोग मारे गए थे.