अफगानिस्तान में जबसे तालिबान ने कब्जा किया है, तबसे वहां निर्दोष जनता पर होने वाले बम धमाकों की संख्या काफी बढ़ गई है। पिछले दो महीनों में हुए 4 बम धमाकें में जहां 154 लोग मारे गए हैं, वहीं हजारों घायल हैं। शुक्रवार को भी काबुल के एक कोचिंग इंस्टीट्यूट में धमाका हुआ, जिसमें 100 से ज्यादा स्टूडेंट के मरने की खबर है।
अफगानिस्तान में जबसे तालिबान ने कब्जा किया है, तबसे वहां निर्दोष जनता पर होने वाले बम धमाकों की संख्या काफी बढ़ गई है। पिछले दो महीनों में हुए 4 बम धमाकें में जहां 154 लोग मारे गए हैं, वहीं हजारों घायल हैं। शुक्रवार को भी राजधानी काबुल के एक कोचिंग इंस्टीट्यूट में बम धमाका हुआ, जिसमें 100 से ज्यादा स्टूडेंट मारे गए हैं। इतना ही नहीं, बम धमाकों के बाद तालिबान ने अस्पताल के मालिक को धमकी दी है कि वो किसी भी तरह की जानकारी मीडिया में लीक न करे।
हजारा शिया समुदाय को बनाया निशाना :
यह हमला अफगानिस्तान में पहले से ही हाशिए पर चल रहे हजारा शिया कम्युनिटी पर हुआ है। यहां ज्यादा आबादी हजारा (शिया मुस्लिमों की जाति) मुस्लिमों की है। ये समूह पिछले कुछ महीनों से लगातार आतंकियों के निशाने पर है। इस हमले में ISKP (इस्लामिक स्टेट खोरासान ग्रुप) का हाथ होने का शक है। यह आतंकी संगठन वहाबी विचारधारा वाले सुन्नी समुदाय से ताल्लुक रखता है। हालांकि, अभी किसी संगठन ने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है।