अर्जुन का पेड़ एक ऐसा पेड़ है जिसकी छाल को औषधि की तरह प्रयोग किया जाता है। पुराने समय से ही इसकी छाल का चूर्ण, काढ़ा व अरिष्ट कई बीमारियों का दूर करने में उपयोगी है। अर्जुन से हृदय की मांसपेशियों को बल मिलता है, हृदय की पोषण-क्रिया अच्छी होती है। मांसपेशियों को बल मिलने से हृदय की धड़कन ठीक और सबल होती है। खासकर उच्च रक्तचाप व दिल रोग को दूर करने में यह विशेष उपयोगी है। आइए जानते हैं औषधीय गुणों से भरपूर अर्जुन की छाल के फायदों के बारे में....


अर्जुन की छाल के फायदे:

दिल के लिए फायदेमंद: हृदय रोगी के लिए अर्जुन के पेड़ की छाल का सेवन बहुत लाभप्रद सिद्ध होता है। हृदय रोग जैसे की अनियमित धड़कन व सूजन आदि को दूर करने के साथ अर्जुन की छाल स्ट्रोक के खतरे को भी कम करती है। इसके लिए अर्जुन की छाल व जंगली प्याज का समान मात्रा चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को आधा चम्मच की मात्रा में रोज दूध के साथ लेने से दिल रोगी को लाभ मिलता है।

खांसी से दिलाएं छुटकारा: अर्जुन की छाल का चूर्ण बना कर उसे हरे अडूसे के पत्तों के रस के साथ मिला कर सुखा लें। इस चूर्ण को शीशी में भर लें और 3 ग्राम चूर्ण को शहद में मिलाकर चाट लें। इससे खांसी में आराम मिलता है।


हाई ब्लडप्रेशर को करता हैं कंट्रोल:अर्जुन के पेड़ की छाल हाई ब्लडप्रेशर को नियंत्रित करती है। साथ ही यह कोलेस्ट्रॉल को कम करके लिपिड ट्राइग्लिसराइड का स्तर भी घटाती हैं। इसके सेवन से रक्त प्रवाह का अवरोध दूर होता है। इसके लिए आपको एक चम्मच अर्जुन की छाल का पाउडर दो गिलास पानी में उबाले और आधा रह जाने पर सुबह-शाम खाली पेट पिएं।

पेशाब की रुकावट दूर करने में: मूत्र करते समय दर्द या जलन होना मूत्राघात के मूल लक्षण होते हैं। अर्जुन की छाल से बना हुआ काढ़ा पीने से पेशाब की रुकावट दूर होती है। इसके लिए छाल को पीसकर दो कप पानी में उबालें जब जब पानी आधा रह जाए तो इसे ठंडा होने के बाद रोगी को पिलाएं। दिन में एक बार पिलाने से यह पेशाब की रुकावट को दूर कर देता है।


त्वचा के लिए: त्वचा की कई समस्याओं को समाप्त करने में अर्जुन की छाल का प्रभाव प्रभावशाली होता है। अर्जुन वृक्ष की छाल, बदाम, हल्दी व कपूर की एक समान मात्रा को पीस कर उबटन की तरह चेहरे पर लगाने से चेहरे के सारे रिंकल्स चले जाते हैं व चेहरे में निखार आता है।