भारत में 21 जून को सूर्यग्रहण दिखेगा और देश के कुछ हिस्सों में यह वलयाकार नजर आएगा। खगोल प्रेमियों को इस दौरान ‘अग्नि-वलय’ देखने का अवसर मिलेगा। हालांकि, देश के अधिकतर हिस्सों में सूर्यग्रहण आंशिक होगा। एमपी बिड़ला तारामंडल के निदेशक देवी प्रसाद दुरई ने बताया कि राजस्थान के घड़साना के पास सुबह लगभग 10 बजकर 12 मिनट पर सूर्यग्रहण की वलयाकार गति शुरू होगी और पूर्वाह्न लगभग 11 बजकर 49 मिनट पर वलयाकार चरण शुरू होगा तथा पूर्वाह्न 11 बजकर 50 मिनट पर यह चरण समाप्त होगा।
इन जगहों पर दिखेगा सूर्य ग्रहण
राजस्थान के सूरतगढ़ और अनूपगढ़, हरियाणा के सिरसा, रतिया, और कुरुक्षेत्र तथा उत्तराखंड के देहरादून, चंबा, चमोली और जोशीमठ जैसे क्षेत्रों से ‘अग्नि-वलय’ एक मिनट तक दिखेगा।
दुरई ने एक बयान में कहा कि हालांकि इस बार का ‘अग्नि-वलय’ उस तरह का नहीं होगा जैसा यह पिछले साल 26 दिसंबर को दिखा था। इस बार यह थोड़ा हल्का होगा। बयान में कहा गया है कि वलयाकार सूर्यग्रहण तब होता है जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीध में आ जाते हैं। लेकिन देश के अधिकतर हिस्सों में आंशिक सूर्यग्रहण दिखेगा।
जानें आपके शहर में कितने बजे दिखेगा सूर्य ग्रहण
कोलकाता में आंशिक सूर्यग्रहण की शुरुआत 10:46 बजे होगी और इसका समापन अपराह्न 2:17 बजे होगा। हालांकि दिल्ली में यह पूर्वाह्न 10:20 बजे से अपराह्न 1:48 बजे तक, मुंबई में सुबह 10 बजे से अपराह्न 1:27 बजे तक, चेन्नई में पूर्वाह्न 10:22 बजे से अपराह्न 1:41 बजे तक और बेंगलुरु में पूर्वाह्न 10:13 बजे से अपराह्न 1:31 बजे तक दिखेगा। आगामी 21 जून को वलयाकार सूर्यग्रहण सबसे पहले अफ्रीका के कांगो से शुरू होगा और फिर भारत के राजस्थान में करने प्रवेश से पहले यह दक्षिणी सूडान, इथियोपिया, यमन, ओमान, सहदी अरब, हिंद महासागर और पाकिस्तान से होकर गुजरेगा। इसके बाद यह तिब्बत, चीन, ताइवान की ओर बढ़ेगा और फिर प्रशांत महासागर के मध्य में समाप्त हो जाएगा।
ग्रहण के दौरान इन उपायों से होगा धन लाभ
-ग्रहण शुरू होने से पहले स्नान करें व नीले या सफेद कपड़े पहन लें। ग्रहण शुरू होते ही पूर्व दिशा की ओर मुख करके नीले आसन पर बैठ जाएं।
– सामने लकड़ी का एक बाजोट (पटिया) रखें। इस पर एक थाली रखें। थाली में कुंकुम या केसर से रंगे हुए चावल की ढेरी लगाएं तथा कुंकुम से श्रीं लिखें।
– अब चावलों की ढेरी पर महालक्ष्मी यंत्र को स्थापित करें और पास ही चार गोमती चक्र रख दें।
– इसके बाद घी का दीपक जलाएं और रुद्राक्ष माला से नीचे लिखे मंत्र की कम से कम 7 माला जाप करें
-ऊं पंच तत्वाय् पूर्ण कार्य सिद्धि देहि देहि सदाशिवाय नम:
– मंत्र जाप समाप्त होने के बाद माता लक्ष्मी से मनोकामना पूर्ति के लिए प्रार्थना करें।
– इसके बाद इस पूरी पूजन सामग्री को कपड़े में पोटली बना कर समेट लें और किसी नदी या तालाब में विसर्जन कर दें।
सूर्य ग्रहण के दौरान नौकरी में सफलता की सीढ़ी चढ़ने के लिए करें ये उपाय
– ग्रहण शुरू होने से पहले नहाकर साफ कपड़े पहन लें। ग्रहण शुरू होते ही कुश (एक प्रकार की घास) का आसन बिछाकर उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठ जाएं।
– सामने शिवलिंग स्थापित कर रुद्राक्ष की माला से इस मंत्र का जाप करें- ऊं हुं कार्य सिद्धये क्लीं हौं
– ग्रहण समाप्त होने के बाद शिवलिंग की पूजा करें व दूसरे दिन शिवलिंग को किसी नदी या तालाब में विसर्जित कर दें या शिवमंदिर में अर्पित कर दें। इस उपाय से आपकी मनोकामना पूरी हो सकती है।