जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए ने झारखंड की पूर्व राज्यपाल और ओडिशा से ताल्लुक रखने वाली आदिवासी महिला नेता द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाया है. द्रौपदी मुर्मू नामांकन दाखिल करने के लिए दिल्ली में ही मौजूद हैं. द्रौपदी मुर्मू की उम्मीदवारी का ऐलान होने के बाद कई राजनीतिक दलों ने एनडीए का समर्थन किया है. द्रौपदी मुर्मू का जीवन काफी संघर्षमय रहा है. गरीब परिवार में जन्मीं द्रौपदी मुर्मू ने अभावों में खुद को आगे बढ़ाया. जानिए द्रौपदी मुर्मू के जीवन संघर्ष की कहानी-संथाल समुदाय में जन्मीं द्रौपदी मुर्मू ने 1997 में रायरंगपुर नगर पंचायत में एक पार्षद के तौर पर अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया. फिर साल 2000 में पहली बार विधायक बनींद्रौपदी मुर्मू भाजपा-बीजेडी की सरकार में दो बार मंत्री रहीं. रायरंगपुर से दो बार विधायक रहीं मुर्मू ने 2009 में तब भी अपनी विधानसभा सीट पर कब्जा जमाया था, जब बीजद ने राज्य चुनाव से पूर्व भाजपा से नाता तोड़ लिया था
संथाल समुदाय में जन्मीं द्रौपदी मुर्मू ने 1997 में रायरंगपुर नगर पंचायत में एक पार्षद के तौर पर अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया. फिर साल 2000 में पहली बार विधायक बनीं और मंत्री का पदभार संभाला. (फोटो- @narendramodi