विश्व योग दिवस (rajasthan world yoga day) के मौके पर योग के मौके पर आपको राजस्थान के सिरोही (sirohi) जिले की ऐसी बेटी से रूबरू करवाते हैं, जिसने इंजीनियरिंग करने के बाद योग को अपना करियर (yoga as career ) बना लिया है।
सिरोही।
स्वस्थ रहने के लिए तो योग का अपना महत्व है, लेकिन योग का किसी के जीवन में कितना महत्व हो सकता है। इस बात का अंदाजा इंजीनियरिंग कर चुकी सिरोही की बेटी पल गहलोत के जीवन से लगाया जा सकता है। राजस्थान के सिरोही की रहने वाली पल को योग इतना भाया कि उसने इंजीनियर की पढ़ाई करने के बाद भी योग को अपने करियर (yoga career rajasthnan ) के रूप में अपनाया है। अब ना सिर्फ पल योग सिखाती है , बल्कि योगदर्शन ,प्राणायाम, ध्यान , वेदों और आयुर्वेद उपचार योग चिकित्सा जैसे विषयों के बारे में लोगों को प्रेरित भी करती है।
स्वस्थ रहने के लिए तो योग का अपना महत्व है, लेकिन योग का किसी के जीवन में कितना महत्व हो सकता है। इस बात का अंदाजा इंजीनियरिंग कर चुकी सिरोही की बेटी पल गहलोत के जीवन से लगाया जा सकता है। राजस्थान के सिरोही की रहने वाली पल को योग इतना भाया कि उसने इंजीनियर की पढ़ाई करने के बाद भी योग को अपने करियर (yoga career rajasthnan ) के रूप में अपनाया है। अब ना सिर्फ पल योग सिखाती है , बल्कि योगदर्शन ,प्राणायाम, ध्यान , वेदों और आयुर्वेद उपचार योग चिकित्सा जैसे विषयों के बारे में लोगों को प्रेरित भी करती है।
फ्रेंड्स से लेकर फैमिली सब खुश
21वीं सदी में करियर बनाने के दबाव के बावजूद युवाओं का योग के प्रति बढ़ते रुझान से ना केवल सिरोही की इस बेटी पल गहलोत के फ्रेंड्स खुश हैं ,बल्कि मां बाप भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योग के क्षेत्र में परचम लहराती अपनी बेटी को लेकर भी गदगद हैं। हर कोई पल के योग के प्रति सच्ची निष्ठा और हुनर का दीवाना है।
कोरोना काल में भी दे रही हैं योग शिक्षा
कोरोना की महामारी के बावजूद फ्रांस, जर्मनी, मैक्सिको, चीन, उरूग्वे, अर्जेंटीना, स्विजरलैंड, फ्रेंच पोलिनेशिया, संयुक्त राज्य अमेरिका, इटली व स्पेन के छात्र सिरोही की इस बेटी से योग की शिक्षा ले रहे हैं । आगामी दिनों में नेपाल, थाईलैंड व श्रीलंका में योग शिविर लेने के बाद अब क्रोएशिया व अल्बानिया में योग शिविर होंगे।